रायपुर। छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए राहत की खबर है। प्रदेश में जल्द ही डायल 112 आपातकालीन सेवा को नए स्वरूप में शुरू किया जाएगा। इसके लिए एजेंसी का चयन पूरा कर लिया गया है और प्रस्ताव को पुलिस मुख्यालय भेजा जा चुका है। मंजूरी मिलते ही सेवा को चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। नई व्यवस्था के तहत प्रदेश की आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को और मजबूत किया जाएगा, ताकि किसी भी संकट की स्थिति में लोगों को समय पर मदद मिल सके। पुलिस मुख्यालय द्वारा 400 इमरजेंसी रिस्पॉन्स व्हीकल (ईआरवी) के संचालन के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी की गई थी। इसमें कई कंपनियों ने हिस्सा लिया, जिसमें ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज को न्यूनतम दर पर सेवा देने वाली एजेंसी के रूप में चुना गया है। अब यही संस्था डायल 112 सेवा का संचालन करेगी।
यह सेवा रायपुर, बिलासपुर, महासमुंद, दुर्ग, जांजगीर-चांपा, कोरबा, रायगढ़, जगदलपुर, सरगुजा, कवर्धा और राजनांदगांव जिलों में संचालित हो रही है। नई योजना के तहत इसे पूरे प्रदेश में विस्तार देने की तैयारी है। इसका लाभ यह होगा कि किसी भी आपात स्थिति में नागरिकों को पुलिस, फायर ब्रिगेड या एंबुलेंस जैसी सेवाओं के लिए अलग-अलग नंबर डायल नहीं करने पड़ेंगे। एक ही कॉल पर त्वरित सहायता उपलब्ध हो सकेगी।पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, लंबे समय से डायल 112 सेवा से जुड़ी कई गाड़ियां खराब स्थिति में थीं, जिससे त्वरित रिस्पॉन्स प्रभावित हो रहा था। नई एजेंसी के कार्यभार संभालने के बाद पहले से खरीदी गई लगभग 400 गाड़ियों का बेहतर उपयोग किया जाएगा और सेवा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। खासतौर पर बस्तर जैसे दूरस्थ और संवेदनशील इलाकों में इसका सीधा लाभ आम लोगों को मिलेगा।
आंकड़ों के अनुसार, रायपुर जिले से ही सालभर में एक लाख से अधिक आपातकालीन कॉल डायल 112 पर आती हैं। इनमें सड़क दुर्घटनाएं, आगजनी, सांप काटने की घटनाएं और अन्य आपात परिस्थितियां शामिल रहती हैं। ऐसे में इस सेवा का मजबूत होना आम जनता की सुरक्षा के लिहाज से बेहद जरूरी माना जा रहा है। डायल 112 के एसपी अविनाश सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रदेशभर में टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और पुलिस मुख्यालय से अंतिम स्वीकृति मिलते ही सेवा को नए स्वरूप में शुरू कर दिया जाएगा। इससे आपात सेवाओं की पहुंच और प्रभावशीलता दोनों में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।






