अंतरराज्यीय ड्रग तस्कर अब्दुल करीम छत्तीसगढ़ के पाटन में नशीले पदार्थों की फैक्ट्री स्थापित करने की योजना बना रहा था। रायपुर पुलिस ने उसे पांच ग्राम एमडीएमए के साथ गिरफ्तार किया। नागपुर का मूल निवासी अब्दुल चार साल से पाटन में रह रहा था और मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व झारखंड के तस्कर गिरोहों से जुड़ा था। वह तीन साल से प्रदेश में ड्रग्स सप्लाई कर रहा था।
HighLights
- अब्दुल करीम छत्तीसगढ़ में ड्रग फैक्ट्री लगाने की योजना बना रहा था।
- रायपुर पुलिस ने उसे पांच ग्राम एमडीएमए के साथ गिरफ्तार किया।
- वह तीन साल से प्रदेश भर में ड्रग्स सप्लाई कर रहा था।
अंतरराज्यीय ड्रग तस्कर अब्दुल करीम अपने सहयोगियों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ के पाटन में नशीले पदार्थों की फैक्ट्री स्थापित करने की योजना बना रहा था। मूल रूप से नागपुर का निवासी अब्दुल करीम चार वर्ष पूर्व दुर्ग जिले के पाटन में बस गया था।
वह मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और झारखंड के तस्कर गिरोह का सक्रिय सदस्य है। रायपुर पुलिस ने उसे शुक्रवार को पांच ग्राम एमडीएमए (मेथिलीनडाइआक्सी-एन-मेथैम्फेटामाइन) के साथ गिरफ्तार किया। आरोपित पिछले तीन वर्षों से प्रदेश भर में ड्रग सप्लाई कर रहा था।
रायपुर में तैयार की गई रणनीति
एमडीएमए एक अत्यंत खतरनाक उत्तेजक ड्रग है। हाल ही में रायपुर में आयोजित अखिल भारतीय डीजीपी कांफ्रेंस में नशीले पदार्थों के अंतरराज्यीय गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई की रणनीति तैयार की गई थी।
पहचान छिपाने के लिए बदल लिया नाम
अब्दुल करीम ने तस्करी के धंधे में उतरने के बाद अपनी पहचान छिपाने के लिए नाम बदल लिया था। उसे समीर उर्फ राजा के नाम से जाना जाता था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब उसके बैंक खातों और पाटन में खरीदी गई प्रापर्टी की जांच कर रही है।






