युवक काे थाने बुलाकर टांगें तोड़ने में निलंबित हुए एसओ किरावली नीरज कुमार को पहली बार चार्ज मिला था। थाने में वे अपनी कार्यशैली को लेकर कई बार सुर्खियों में आए। थाने में धरना प्रदर्शन के बाद भी लूट के मामले में चोरी का मुकदमा लिखा। युवक की पिटाई में ही निलंबित हुए दारोगा धर्मवीर पर एक माह पहले भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। अभी तक इस मामले में वे बचे हुए थे।

थाने में धरना प्रदर्शन के बाद लूट के मामले में लिखा था चोरी का मुकदमा

एसआई नीरज कुमार को आठ जुलाई 2025 को थाना किरावली का प्रभारी बनाया गया था। उनकी तैनाती के बाद कई बार थाना सुर्खियों में आया। सरसा गांव में चार सितंबर को महिला को बंधक बनाकर लूट का मामला हुआ। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा ही दर्ज नहीं किया। थाने में ग्रामीणों द्वारा धरना दिए जाने के बाद चोरी का मुकदमा दर्ज कर लिया। इसको लेकर प्रश्न उठै थे। इसका अभी तक पर्दाफाश ही नहीं हुआ।

दारोगा धर्मवीर के खिलाफ एक माह पहले हुई थी भ्रष्टाचार की शिकायत

किरावली में एसओ के रूप में तैनाती से पहले नीरज कुमार बसई पुलिस चौकी पर तैनात रहे। यहां रूफ टाप पर हुए विवाद में उनकी कार्यशैली पर प्रश्न उठे। तब थाने का प्रभार संभाल रहे प्रशिक्षु आइपीएस आलोक राज नारायण ने उनके खिलाफ रिपोर्ट दी। इसके बाद उन्हें पुलिस चौकी से हटा दिया गया था।

कोर्ट के आदेश के बाद भी लगा दी चार्जशीट

हरीपर्वत थाने में तैनाती के दौरान एक मुकदमे की विवेचना में खेल किया। हाईकोर्ट से मुकदमे के क्वैस करने के आदेश के बाद भी चार्जशीट लगा दी। इस मामले में अधिवक्ता अरुण दीक्षित ने सीजेएम कोर्ट में वाद दर्ज कराने को प्रार्थना पत्र दिया। कोर्ट ने वाद दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं। इन दोनों मामलों के बाद भी उन्हें एसओ के रूप में पहला चार्ज किरावली थाने का मिला।

रिश्वत लेने की शिकायत की चल रही है जांच

दारोगा धर्मवीर सिंह के खिलाफ एक माह पहले भ्रष्टाचार के लिए दिए गए हेल्प लाइन नंबर पर शिकायत हुई थी। रिश्वत लेने की शिकायत पर अभी तक जांच चल रही है। मगर, उन पर कार्रवाई नहीं हुई। मामले में निलंबित हुए सिपाही रवि मलिक 15 दिन पहले ही थाने में पहुंचे थे। तब से उन्हें हत्याकांड के पर्दाफाश की सुरागरशी के लिए लगा दिया गया था।

10वीं बार थाने बुलाए थे राजू पंडित

किरावली के कराहरा गांव निवासी राजू पंडित को हत्याकांड की पूछताछ के लिए पुलिस ने 10वीं बार बुलाया था। उनके भाई प्रमोद ने बताया कि एक सप्ताह पहले भी राजू को बुलाया गया। कई घंटे तक पूछताछ के बाद छोड़ दिया। इससे पहले कई बार और उन्हें पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था।